Monday 22 June 2020

डोंगरगांव विधायक कोरोना पॉजिटिव, कई विधायकों के साथ कर चुके हैं बैठक

रायपुर.
राज्य में कोरोना कोविड 19 का संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। इसकी चपेट में डोंगरगांव विधायक भिबा गए हैं। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। उनके ड्राईवर और परिवार के सदस्यों का भी सैम्पल लेकर होम क्वरेन्टाईन किया गया है।
तेजी से बढ़ रहा ग्राफ
छत्तीसगढ़ में सोमवार को कोविड 19 के 46 नए मामले सामने आये। राजनांदगांव 15, रायपुर 11, कोरबा 6, सूरजपुर 4, बेमेतरा 2, मुंगेली 2, जयपुर 2, कवर्धा 1, बिलासपुर 1, जांजगीर 1, बलरामपुर 1 मामला सामने आया।
एक और मौत
राजनांदगांव में  कोरोना से पीड़ित अस्पताल में भर्ती 92 वर्षीय मरीज की मृत्यु हो गई। इस तरह अब तक इस बिमारी से 12 लोगों की मौत हो चुकी है।
66 हुये डिस्चार्ज
सोमवार को विभिन्न कोरोना अस्पतालों में भर्ती हुए 66 मरीज डिस्चार्ज हुये। राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 2302 हो गया है। वहीं अब तक
कोरोना से पीड़ित 1487 लोग स्वस्थ्य होकर घर लौट चुके हैं। और कुल राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 803 हैं।

Sunday 7 June 2020

रायपुर में मिले नये 36 कोरोना संक्रमित और प्रदेश में 59 मरीज

रायपुर.
छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। रविवार दोपहर तक 59 नए कोरोना मरीज मिले। दूसरी ओर राजधानी रायपुर में 36 नए कोरोना पाज़िटिव मरीज मिले। इससे स्वास्थ विभाग में हडकंप मच गया है। इसके अलावा कवर्धा से 12, कोरबा में 8, दुर्ग में 3 नए मरीज मिले।
देर रात तक रायपुर सहित प्रदेश के दूसरे हिस्सों में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। स्वास्थ विभाग देर रात तक नये मिले मरीजों की जानकारी जारी करेगा।
रायपुर में हालात बिगड़े
राजधानी रायपुर में हालात बिगड़ते जा रहे है। पिछ्ले 4 दिन से नये मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। 
इतने इलाके सील
राजधानी में इमरजेन्सी काम को छोड़कर किसी भी तरह की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
इन इलाकों पर रोक
1. देवेंद्र नगर सेक्टर-5 : मंडी गेट रोड, सेक्टर-5 का इलाका, मार्केट रोड।
2. फाफाडीह कुम्हारपारा : कुम्हापारा, रमण मंदिर वार्ड व हनुमान मंदिर रोड।
3. देवपुरी गेलाराम नगर : देवपुरी रोड और गेलाराम कॉलोनी।
4. बिरगांव इतवारी बाजार : इतवारी बाजार रोड और बस्ती का इलाका।
5. उरला मेटल पार्क रोड : मेटल पार्क रोड स्थित बस्ती का हिस्सा।
6. सड्‌डू कॉलोनी बीएसयूपी काॅलोनी, सड्डू सेक्टर एरियर, कैपिटल होम्स।
7. सांईनगर वाणिज्य कर ऑफिस, भाटापारा, फाफाडीह की सड़क।
8. कैलाश नगर मेटल पार्क रोड, कैलाश नगर और आसपास का इलाका।
9. रावांभाठा बांधा तालाब, बस्ती इलाका और आरटीओ दफ्तर के पीछे।
10. दोंदे खुर्द दोंदे खुर्द बस्ती और आसपास का इलाका।
11. चंगोराभाठा काली मंदिर रोड, पार्षद का घर और चंगोराभाठा बस्ती।
12. प्रीतम नगर टीचर कॉलोनी पुलिस, अशोक नगर रोड और प्रीतम नगर।
13. गुरुमुख नगर न्यू राजेंद्र नगर, केनाल रोड और बस्ती का इलाका।
14. रावांभाठा बंजारी जौहर नगर, आरटीओ दफ्तर के पीछे का हिस्सा।
15. रामसागर पारा बढ़ईपारा, रामसागरपारा और अग्रसेन चौक रोड।
16. हिमालया हाईट्स हिमालया हाइट्स कॉलोनी और आसपास की रोड।
17. गणपति स्टील उरला गणपति फैक्ट्री और लेबर क्वार्टर।

Friday 29 May 2020

महासमुंद में मिला कोरोना पॉजिटिव

रायपुर
आज 5 नए कोरोना पाज़िटिव मरीज़ों की पहचान की गई, जिला बिलासपुर से 2 व जगदलपुर, महासमुंद व दुर्ग से 1-1मरीज। कल रात्रि मुंगेली जिले से 1 कोरोना मरीज़ की पहचान की गई थी। राज्य में कुल संख्या 321हो गई मरीजों की संख्या।

Sunday 24 May 2020

छत्तीसगढ़ में 35 और नए कोरोना संक्रमित मिले, मलकानगिरी में 10 पॉजिटिव मिले

0 प्रदेश में अब 184 हुए एक्टीव मरीज
0 भारत में दोपहर तक 31 की मौत
रायपुर
छत्तीसगढ़ में कोरोना वॉयरस का फैलना जारी है। रविवार को कोरोना वॉयरस से संक्रमित 35 और नए केस सामने आए। इनमें बिलासपुर, सरगुजा, बेमेतरा, गरियाबंद और कोरिया के एक-एक मरीज शामिल हैं। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के सुकमा से लगे मलकानगिरी में 10 कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें एक महिला स्वास्थ्यकर्मी और 1 साल का बच्चा भी संक्रमित बताया जा रहा है। इस कारण सुकमा और मलकानगिरी मार्ग को सील कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि शनिवार को प्रदेश में 44 कोरोना पॉजिटीव मिले थे। इनमें बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर भी संक्रमित पाया गया है। राज्य में कुल 184 कोरोना संक्रमित अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किए गए हैं।
देश की स्थिति
दूसरी भारत में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख 32 हजार से अधिक हो गई है। इनमें 54 हजार 441 ठीक हो गए हैं। वहीं कोरोना वॉयरस से मरने वालों की संख्या  3 हजार 867 हो गई है। मरने वालों की संख्या एक ही दिन में 137 हो गई है। दूसरी ओर नए मरीज मिलने की रफ्तार भी बढ़ी है। रविवार दोपहर 3 बजे तक पूरे देश में 31 लोगों की मौत कोरोना वॉयरस के चलते हो चुकी है।
विदेशों में कोरोना
कोरोना वॉयरस के संक्रमण से पूरी दुनिया प्रभावित है। पूरी दुनिया में रविवार दोपहर तक कुल 54 लाख 26 हजार 434 लोग कोरोना वॉयरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 3 लाख 44 हजार 405 लोगों की मौत हो चुकी है। और 22 लाख से ज्यादा लोग इलाज के बाद ठीक हो गए हैं। सबसे ज्यादा अमेरिका में 16 लाख 66 हजार 829 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। इनमें से 98 हजार 683 लोगों की मौत हो चुकी है। 
दोपहर 2 बजे तक इन देशों में मौत
ब्राजील-152
रसिया-153
इरान-58
भारत-31
मैक्सिको-190
बैलजियम-43
पाकिस्तान-32
बेलारूस-5
बांग्लादेश-28
यूएई-1
इंडोनेशिया-21
पोलैंड-2
यूक्रेन-12
रोमानिया-3
ऑस्ट्रिया-1
फिलिपींस-5
अफगानिस्तान-2
मालदीव-4
घाना-1
आरमेनिया-4
फिनलैंड-1
बोलविया-10
होंडरास-7
हंगरी-4
सूडान-9
गौटमाला-4
बुलगारिया-4
ईएल साल्वाडोर-2
स्लोवेनिया-1
तुसानिया-1
अलबानिया-1
हैती-1
शनिवार को सबसे ज्यादा मौंते यहां हुई
अमेरिका-1036
ब्राजील-965
मैकिस्को-479
रसिया-139
स्पेन-50
यूके-282
इटली-119
भारत-142
पेरू-129
कनाडा-105
सड्डू के युवक के संपर्क में आने वालो की रिपोर्ट नेगेटिव 
पिछले दिनों रायपुर के सड्डू में मिले कोरोना पॉजिटिव युवक के संपर्क में आये 35 लोगो की कोरोना जाँच निगेटिव आई है. युवक के पॉजिटिव मिलने के कारण उसके आसपास के लोगो को भी क्वारेंटाइन करते हुए जाँच के लिए सभी का सैंपल लिया गया था. 




Saturday 23 May 2020

छत्तीसगढ़ में महामारी का प्रकोप और बढ़ा, एक ही दिन में मिले 42 कोरोना मरीज

0 राजनांदगांव में सबसे ज्यादा 10 मरीज
0 प्रदेश में एक्टीव मरीजों की संख्या 150 हुई
0 एक सप्ताह में डेढ़ सौ हुए मरीज
रायपुर
छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। शनिवार को ही 42 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। एक ही दिन में इतने सारे मरीज पहली बार मिले हैं। अब प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 150 हो गई हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। इससे पहले शुक्रवार को भी 40 कोरोना संक्रमित मिले थे। और 17 मई को एक दिन में 16 मरीज मिले थे। इस तरह प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है। शनिवार को मिले मरीजों के सैंपल पहले लिए गए थे। उनकी रिपोर्ट अब आई है। उल्लेखनीय है कि राज्य में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। मजदूरों के अलावा अब विदेशों में बसे छत्तीसगढ़ के लोग भी लौट रहे हैं। इसके लिए भी तैयारी शुरू हो गई है। उनके लिए घरेलू विमान सेवा शुरू की जा रही है। एयरपोर्ट में इसकी तैयारी पूरी हो गई है।
कहां कितने नए मरीज मिले
राजनांदगांव-10
मुंगेली-9
बिलासपुर-8
कोरिया-4
रायगढ़-4
सरगुजा-3
जीपीएम-2
बलौदाबाजार-1
जशपुर-1
दो मरीज हुए डिस्चार्ज
एम्स में भर्ती बलौदाबाजार के दो मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। दोनों उपचार के लिए भर्ती थे। उनका स्वास्थ्य ठीक होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। इनमें से एक 21 वर्ष और दूसरा 32 साल का युवक है। दोनों को 14 दिन तक होम क्वारेंटाइन में रहने के लिए कहा गया है।
विदेशियों के लिए 18 होटल तैयार
प्रवासी मजदूरों के बाद अब विदेशों से छत्तीसगढ़ लौटने वालों को लेकर चिंता है। विदेशों से छत्तीसगढ़ आने वालों के लिए शासन ने घरेलू विमान सेवा शुरू कर दी है। साथ ही उनके

लिए रायपुर के 18 होटलों को क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में चिन्हित कर दिया गया है। विदेशों से आने वाले अपने खर्च पर इन होटलों में 14 दिन तक क्वारेंटाइन रह सकते हैं। इसके अलावा शासन की ओर से बने क्वारेंटाइन सेंटरों में भी रह सकते हैं। विदेशों से आने वालों की एयरपोर्ट में स्वास्थ्य परीक्षण होगा। उनसे पूरी जानकारी ली जाएगी। इसके बाद उन्हें जाने दिया जाएगा।
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प्रदेश में कोरोना के 5 नये मरीज मिले

रायपुर।
प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ना जारी है। शनिवार को 5 और नये मरीज मिले है। रायगढ़ जिले से 04 व जशपुर जिले से 01 कोरोना पॉजिटिव मरीज़ की पुष्टि हुई है । सभी मरीजों को रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने की प्रक्रिया जारी है। प्रदेश में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 115 हो गई है।

Friday 22 May 2020

प्रदेश में एक ही दिन में 39 कोरोना मरीज मिले

रायपुर. 
प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. शुक्रवार को सुबह फिर 16 नये मरीज मिले थे. इसके बाद शाम तक 20 और कोरोना संक्रमित मिले। इससे मरीजों की संख्या 109 हो गई है. पिछ्ले 3 दिनो से रोज कोरोना के नये मरीज मिलते जा रहे हैं.शुक्रवार को मिले मरीजों में कुछ शासकीय कर्मचारियो के शामिल होने का पता चला है. अब प्रदेश में कुल ऐक्टिव मरीजों  की संख्या 109  हो गई है.
कहां कितने मरीज 
दुर्ग 2
कांकेर 5
बिलासपुर 10
रायगढ़ 5
राजनांदगांव 11
बालोद 18
कोरिया 1
कवर्धा 7
जांजगीर 12
बलौदाबाजार 12
गरियाबंद ( राजिम ) 4
सरगुजा 3
सूरजपुर 1
कोरबा 13
मुंगेली 3
रायपुर 1
बेमेतरा 1
बलरामपुर 1

Thursday 21 May 2020

छत्तीसगढ़ में तेजी से पैर पसार रहा कोरोना वॉयरस, रायपुर में फिर मिला संक्रमित

0 गुरुवार दोपहर तक 11 नए मरीज और मिले
0 बुधवार को एक ही दिन में मिले थे 14 मरीज
0 राजधानी रायपुर में मिला कोरोना संक्रमित
रायपुर

बाहर से आने वालों  की लापरवाही और शासन की अनदेखी लोगों पर भारी पड़ रही है । प्रवासी मजदूरों का सोशल डिस्टेंसिंग का पालन  नहीं होना और कोटा से लौटे विद्यार्थियों को पुरे 14 दिन क्वारेंटाइन न करने और उसकी निगरानी मेंं लापरवाही बरतने का खामियाजा सामने आ रहा है.इससे कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। छत्तीसगढ़ में कोरोना वॉयरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रदेश में गुरुवार को कोरोना संक्रमितों की संख्या 67
हो गई। दोपहर 12 बजे तक 11 नए कोरोना मरीज मिले। रायपुर के सड्ढू इलाके में भी 1 नया मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। इसके अलावा बालोद में 1, जांजगीर में 3, राजनांदगांव में 4 और सरगुजा व कांकेर में 1-1 मरीज मिले। इस तरह गुरुवार को दोपहर तक कुल 11 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। इससे पहले बुधवार को 14 नए मरीज मिले थे, जिनमें बालोद और बलौदाबाजार में 2-2, राजनांदगांव और रायगढ़, सरगुजा में 1-1, मुंगेली में 1 कोरोना पॉजीटिव मिले थे। देर शाम को बिलासपुर में कोरोना वॉयरस से संक्रमित 5 और लोगों का पता चला है। प्रदेश में अब तक कुल 126 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें से 59 ठीक हो चुके हैं।  
छात्रों का क्वारेंटाइन क्यों घटाया
राजस्थान के कोटा से लौटे छत्तीसगढ़ के 2 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को शासन ने केवल 7 दिन क्वारेंटाइन में रखा गया। इसके बाद सभी को अपने-अपने घर भेज दिया गया। जबकि दूसरे लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में 14 और 21 दिन रखा जा रहा है।  लेकिन क्वारेंटाइन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए शासन ने इन विद्यार्थियों को उनके घर भेज दिया। अब इन्हीं में से राजिम की एक छात्रा कोरोना वॉयरस से संक्रमित पाई गई है। कोटा  से आने के बाद वह किस-किस स्थान पर गई और अपने कितने रिश्तेदारों से मिली? और मोहल्ले में कहां-कहां गई? इसकी जांच हो रही है। संक्रमित छात्रा की ही कोटा से लौटे अन्य छात्र-छात्राओं को लेकर भी आशंका बढ़ गई है। अब सवाल उठता है कि आखिर शासन ने सभी विद्यार्थियों को क्वारेंटाइन के नियमानुसार 14 या 21 दिन क्यों नहीं रखा? आखिर शासन की क्या मजबूरी थी? जो इतने सारे विद्यार्थियों को उनके घरों में वापस भेजा गया। इससे अब प्रदेश के आम लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है।
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पैसे वालों के आगे झुकी सरकार
राजस्थान के कोटा में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षाओं की तैयारी के लिए बड़ी संख्या में देशभर के छात्र-छात्राएं ट्यूशन करने जाते हैं। इसकी फीस लाखों रुपए होती है। अब लाखों रुपए फीस देकर ट्यूशन कराना प्रदेश के आम लोगों के बस की बात, तो है नहीं। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश के नेताओं, अफसरों, कारोबारियों और पूंजीपतियों के बच्चे ही कोटा में ट्यूशन करने गए थे। कोरोना का संक्रमण फैला, तो उन विद्यार्थियों को सुरक्षित वापस लाने का दबाव बढ़ा। चूंकि उनमें ऐसे लोगों के बच्चे भी थे, जो सीधे शासन-प्रशासन में बैठे लोगों के थे। इस कारण सरकार ने रातोंरात उन विद्यार्थियों को लाने के लिए लग्जरी बसें भेज दीं। और 2 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं को वापस ले आए।
कोरोना वॉयरस ही नहीं अब कोरोना बीयर से भी लोग खा रहे खौफ
क्वारेंटाइन इसलिए नहीं किया
सूत्रों के मुताबिक विद्यार्थियों को प्रदेश में लाने के बाद उन्हें स्थानीय छात्रावासों में नियमानुसार पूरी अवधि तक क्वारेंटाइन करने का निर्णय लिया गया। विद्यार्थियों को उनमें  ठहराया गया, लेकिन सरकारी छात्रावासों में बाथरूम, पानी और बिजली की व्यवस्था देखकर रईसजादों को नींद नहीं आई। यह बात सरकार तक पहुंची। इसके बाद क्वारेंटाइन की अवधि केवल 7 दिन कर दिया गया, ताकि रईसजादों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो। इसके बाद उन्हें उनके घर भेज दिया गया। गौर करने वाली बात है कि इन्हीं सरकारी छात्रावासों में हमारे प्रदेश के 90 फीसदी लोगों के बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं। और अपना भविष्य गढ़ते हैं। इन हॉस्टलों में रईसजादों के औलाद क्वारेंटाइन की अवधि भी नहीं बिता पाए।  इससे नेताओं और अफसरों के उन दावों की भी पोल खुलती है, जो सरकारी हॉस्टलों और स्कूलों को सर्वसुविधायुक्त और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर वाला होने का दावा करते हैं।
मजदूरों के आने के बाद बढ़ा ग्राफ
मार्च, अप्रैल और मई के दूसरे सप्ताह तक प्रदेश में कोरोना वॉयरस का संक्रमण नियंत्रित स्थिति में था, लेकिन अब तेजी से संक्रमण फैल रहा है। खासकर प्रवासी मजदूरों के घर लौटने के बाद से कोरोनो संक्रमितों का ग्राफ बढ़ा है। मजदूरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है. दूसरी ओर क्वारेंटाइन को लेकर भी लोगों की लापरवाही सामने आ रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटरों की निगरानी नहीं हो पा रही है। मजदूर अपने रिश्तेदारों से मिल रहे है.  वहां खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर लोगों की नाराजगी सामने आ रही है। इसी के चलते बिलासपुर के क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वालों का विवाद भी हुआ था। 
रायपुर हो सकता है रेड जोन में
रायपुर अभी ऑरेंज जोन में था, लेकिन एक और मरीज मिलने से यह रेड जोन में चला जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले कोरोना संक्रमित युवक कुकुरबेड़ा में मिला था, जिसके बाद से उस इलाके को सील कर दिया गया था। और रायपुर को आरेंज जोन में चला गया था। अब एक और मरीज मिलने से रेड जोन में शामिल हो जाएगा। हालाँकि इसकी घोषणा शासन ने अभी नहीं किया है.
अब तक कहां कितने मरीज मिले
जिला  मरीजों की संख्या
कोरबा-28
बालोद-14
जांजगीर-14
दुर्ग-10
राजनांदगांव-10
कबीरधाम-8
बलौदाबाजार-8
रायपुर-8
सूरजपुर-7
बिलासपुर-6
रायगढ़-5
सरगुजा-3
कोरिया-1
गरियाबंद-1
मुंगेली-1
कांकेर-1
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कोरोना का रायता और दर्द अपना-अपना-4



Sunday 17 May 2020

छत्तीसगढ़ में कोरोना के 16 नये मरीज मिले


रायपुर
छत्तीसगढ़ में के लिये बुरी खबर है। प्रदेश में कोरोना के 16 नये मरीज मिले हैं। सभी को मजदूर बताया जा रहा है। इससे स्वास्थ विभाग में हडकंप मच गया है। सभी मरीज ग्रामीण इलाके से हैं। अब एक्टिव पॉजिटिव मरीजों की संख्या 27 हो गई है।
नये मिले 16 मरीजों में बालोद में 7, बलौदाबाजार में 6, कवर्धा में 2 और राजिम से 1 हैं। सभी को एम्स लाया जा रहा हैं।
कहाँ के कितने मरीज
बालोद 11
कोरिया 1 
कवर्धा 2
जांजगीर 6
बलौदाबाजार 6
गरियाबंद ( राजिम ) 1

देश में चौथा लॉक डाऊन शुरू, 31 मई तक चलेगा

रायपुर
देश में चौथा लॉक डाऊन लागू हो गया है। यह 31 मई तक चलेगा। इसमें कुछ राहत दी गई है, लेकिन सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इसी तरह के स्थान 31 मई तक पूरे देश में बंद रहेंगे।
गृह मंत्रालय ने Lockdown4 की गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। 31 मई तक फ्लाइट्स और मेट्रो ट्रेन नहीं शुरू होंगी। कन्टेनमेंट ज़ोन छोड़कर 2 राज्य आपसी सहमति से बस सेवा शुरू कर सकेंगे। लेकिन सिनेमा, मॉल और स्कूल.. ये सब अभी भी बंद रहेंगे।

प्रवासी मजदूरों के मामले में मरकाम पहले अपनी प्रदेश सरकार के सियासी ड्रामों पर रोक लगाएँ : भाजपा

केंद्र की आलोचना छोड़ ईमानदारी से कोरोना के खिलाफ जारी जंग को अंजाम तक पहुँचाने में ऊर्जा लगाएँ : उसेंडी

रायपुर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने आधी-अधूरी तैयारियों के साथ कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। श्री उसेंडी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को भी उनके उस ट्वीट के लिए आड़े हाथों लिया है जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार के पैकेज पर ताना मारते हुए प्रवासी मजदूरों के लिए घड़ियाली आँसू बहाया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की वापसी और बदहाली के लिए कांग्रेस और उसके गठबंधन की सरकारें ही जिम्मेदार हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पहले अपनी राज्य सरकार के सियासी ड्रामों पर रोक लगाने की पहल करें जो प्रवासी मजदूरों की यथाशीघ्र वापसी में रोड़े अटकाने का काम कर रही है। प्रवासी मजदूरों के मामले में प्रदेश सरकार की सियासी नौटंकियों की पूरी पोल खुल चुकी है और अब कांग्रेस के नेता अपनी प्रदेश सरकार के इस कलंक को धोने की नाकाम कोशिशों में जुट गए हैं। श्री उसोंडी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के साथ प्रदेश की सीमा पर प्रदेश सरकार और उसके नौकरशाह किस तरह अमानवीयता की पराकाष्ठा कर रहे हैं, यह सच हाल के दिनों में खुलकर प्रदेश की जनता के सामने आ चुका है। इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सच का सामना करने से कतरा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदहाली की तो छोड़ो, प्रदेश सरकार ने कोविड-19 अस्पतालों में भी पूरे इंतज़ाम तक किए हैं। जांजगीर-चाँपा से लाए गए पाँच कोरोना पॉजीटिव मरीजों का इलाज बिलासपुर के उस कोविड-19 अस्पताल में शुरू कर दिया गया जहां परीक्षण और उपचार की पूरी तैयारी तक नहीं है। जिस अस्पताल में कर्मचारियों के लिए प्रदेश सरकार पीपीई सूट तक का इंतज़ाम करने में नाकारा साबित हो रही है और उन्हें कपड़े के बने डिलीवरी सूट पहनने दिया जा रहा हो, वह प्रदेश सरकार कोरोना संकट के प्रति कितनी गंभीर है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। श्री उसोंडी ने कहा कि प्रदेश सरकार के इंतजामात की पोल यह भी है कि उक्त अस्पताल के कर्मी जब अपने ठहरने के स्थान एक लॉज में जाने लगे तो यह सूट उतरवा लिया गया ताकि अगले दिन फिर उसका उपयोग हो सके।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री उसोंडी ने कहा कि बिलासपुर के इस अस्पताल में अब तक न तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हुआ है और न ही विद्युतीकरण का काम पूरा हुआ है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार अपनी डींगें हाँकने की आदत से बाज नहीं आ रही है। प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स सुरक्षा और दीगर इंतजामात की कमी के चलते किसी धर्मशाला से कम नहीं रह गए हैं। अभी हाल ही एक सेंटर में एक व्यक्ति द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने के बाद अब मुंगेली जिले में किरना ग्राम पंचायत के क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गए मजदूर योगेश वर्मा की सर्पदंश से मृत्यु हो गई। पुणे से लौटे इस मजदूर के लिए खाट या पलंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण उसे जमीन पर ही सोना पड़ा। श्री उसेंडी ने प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेताओं को केंद्र की आलोचना के बजाय ईमानदारी के साथ प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जारी जंग को अंजाम तक पहुँचाने में अपनी ऊर्जा और समय खर्च करने की नसीहत दी है।

Friday 15 May 2020

कोरोना के छह और मरीज मिले

छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ में कोरोना के 6 नये मरीज मिले हैं। इनमें  से कोरिया से एक और जांजगीर से 5 मरीज हैं। सभी को रायपुर एम्स लाया जा रहा है। अब छत्तीसगढ़ में एक्टिव पॉजिटिव मरीजों की संख्या 10 हो गई है।

Thursday 14 May 2020

महासमुंद जिले में तहसीलदार, आरआई सहित 9 लोग कोरोना से संक्रमित

छत्तीसगढ़.
महासमुंद जिले में 9 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी की जाँच रैपिड टेस्ट किट से की गई है. संक्रमित लोगो में सराईपाली के सिंगोड़ा चेक पोस्ट में डूयटी कर रहे  तहसीलदार, आरआई, पटवारी और स्वास्थकर्मी शामिल है. इनके अलवा तीन अन्य मजदूर शामिल हैं. सभी की जाँच रैपिड टेस्ट किट से की गई है. इसमें सभी कोरोना संक्रमित मिले है. अब सभी का अब आरटी पीसीआर किट से जांच किया जाएगा। इसके लिये सभी का सेम्पल जांच के लिये भेजा गया है। इस जांच की रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर ही इन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित माना जाएगा। उल्लेखनीय है कि ओडिशा से आए मजदूरों का रैपिड टेस्ट करके तीनों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया था। रिपोर्ट में तीनों की कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई है। एक मजदूर बागबाहरा ब्लाक और दो मजदूर पिथौरा ब्लाक के बताए जा रहे हैं, हालाकिं अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। जिन क्षेत्रों के मजदूर हैं। उन इलाकों को सील कर दिया गया है। स्वास्थ्य अमला उन क्षेत्रों की जांच में जुटा है। अभी तक महासमुंद जिले में एक भी कोरोना पाजिटिव मामला सामने नही आया था। अचानक तहसीलदार सहित 9 लोगो के संदिग्ध कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गया है.
CORONA COVID-19 क्या है और कैसे फैलता है
कोरोना वाययरस ही नहीं अब कोरोना बीयर से भी खौफ खा रहे लोग

24 घंटे में 3722 नए मामले सामने आए, 134 लोगों की मौत

देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 3722 नए मामले सामने आए हैं और 134 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 78,003 हो गई है, जिनमें 49,219 सक्रिय हैं, 26,235 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 2549 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, आज ओडिशा में 73, आंध्र प्रदेश में 36, कर्नाटक में 11 और राजस्थान में 66 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : खूबसूरत युवती बनकर इंजीनियरिंग स्टूडेंट करता था बुजुर्गों से चैटिंग

Saturday 9 May 2020

गंगा इमली खाते-खाते अजीत जोगी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

0 छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री हैं अजीत
0 गंगा इमली का बीज गले में फंसने से कॉर्डियक अरेस्ट हुआ
0 वेंटीलेटर पर हैं जोगी
रायपुर.
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की शनिवार दोपहर अचानक तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें गंभीर अवस्था में नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालात गंभीर बनी हुई है। पांच डॉक्टरों की टीम उनके उपचार में लगी हुई है। बताया जाता है कि दोपहर करीब 12.30 बजे वे अपनी व्हीलचेयर से गार्डन में घूम रहे थे। इस दौरान उन्होंने गंगा इमली खाया। गंगा इमली खाते समय बीज उनके गले में फंस गया। इससे सांस लेने में परेशानी होने लगी। इसकी सूचना परिजनों ने अस्पताल में दी। अस्पताल से डॉक्टरों की टीम सागौन बंगले पहुंची। उन्हें बंगले में ही सीपीआर दी गई। फिर उन्हें सीपीआर देते हुए अस्पताल लाया गया।
अस्पताल की ओर से दोपहर को जारी प्रथम बुलेटिन के मुताबिक जोगी को बंगले में ही कार्डियक अरेस्ट आ चुका था। अस्पताल में उपचार के बाद उनका ईसीजी और पल्स चालू हो गई। इससे उनका हृदय सामान्य होने लगा। हालांकि श्वसनतंत्र सामान्य नहीं हो पाया है। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। और डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया है। उल्लेखनीय है कि इस घटना से पहले अब तक उनकी दो बार हार्ट सर्जरी हो चुकी है।
सीएम ने की बात
सीएम भूपेश बघेल ने अजीत जोगी की तबीयत को लेकर उनके बेटे अमित जोगी से बात की और उनका हाल जाना। उन्होंने शासन की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने भी उनकी पत्नी को फोन करके जोगी का हाल जाना। अस्पताल में जोगी समर्थकों की भीड़ लग गई है। उनके परिजन और मित्र अस्पताल पहुंच गए। इसके अलावा अन्य पार्टी के लोग भी पहुंचे।
प्रथम मुख्यमंत्री हैं जोगी
अजीत जोगी छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री हैं। राज्य बनने के बाद तीन साल तक मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली और 15 साल तक डा. रमन सिंह मुख्यमंत्री रहे। वर्तमान में कांग्रेस के भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं। जोगी शासनकाल में भूपेश केबीनेट मंत्री थे।
मौत को दी मात

वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान महासमुंद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। इस दौरान राजिम से देवभाग प्रचार करने जा रहे थे। इस दौरान उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई। इससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आने से शरीर के नीचे का हिस्से पेरालाइज्ड हो गया। उन्हें गंभीर अवस्था में एमएमआई में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें मुंबई ले जाया गया। वहां उपचार से उनकी हालात में सुधार हुआ। इसके बाद से जोगी व्हीलचेयर पर हैं।

हमेशा चर्चा में रहे
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री के बनने से लेकर अब तक जोगी हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार मतदान से पहले चुनाव मैदान से अचानक हट गए। इससे भाजपा प्रत्याशी को एकतरफा जीत मिली। मंतूराम के मामले में खरीद-फरोख्त होने का आरोप लगा। इसके बाद अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी ने कांग्रेस छोड़ दिया। हालांकि अभी तक मंतूराम के मामले में लगे आरोप साबित नहीं हो पाए हैं। इसके बाद जोगी ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का गठन किया। और पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा। उनकी पार्टी से पांच विधायक चुनकर आए। जोगी मरवाही से चुनाव जीते और उनकी पत्नी रेणु कोटा से विधायक हैं। 

Monday 4 May 2020

कोरोना वॉयरस ही नहीं अब कोरोना बीयर से भी लोग खा रहे खौफ

कोरोना बीयर की बिक्री घटी
रायपुर.
कोरोना वॉयरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके साथ ही अपने ही नाम के एक ब्रांडेड बीयर को भी तगड़ा झटका दिया है। दुनियाभर में कोरोना बीयर की काफी डिमांड रहती है, लेकिन अब इसमें कमी आ गई है। लोग कोरोना वॉयरस के चलते कोरोना बीयर पीने से भी खौफ खा रहे हैं। कोरोना बीयर बहुत पहले से मार्केट में आ रही है और अचानक चीन के वुहान में आए वॉयरस का नाम भी कोरोना हो गया। इससे बीयर बिक्री प्रभावित हो गई है। इसकी बड़ी वजह कोरोना वॉयरस का पूरी दुनिया में संक्रमण होना है। कोरोना के नाम से ही बीयर भी होने के कारण लोग इसे खरीदने से हिचकने लगे हैं। कोरोना वॉयरस का नाम कोरोना बीयर से मिलता-जुलता होना केवल इत्तेफाक है। इसके चलते कोरोना बीयर बेचने वाले को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बताया जाता है कि कोरोना वॉयरस संक्रमण का खौफ इतना है कि इसी के नाम से बिक रहे ब्रांडेड कोरोना बीयर को लेकर लोगों की रुचि कम हो गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना बीयर मेक्सिको में बनता है। कोरोना बीयर युवाओं में ज्यादा लोकप्रिय है। बीयर पीने वालों की संख्या पिछले दो साल के मुकाबले सबसे ज्यादा घटी है।
यह है प्रमुख कारण
कोरोना वायरस से मिलता-जुलता नाम, इस कारण लोग कोरोना बीयर पीने से हिचक रहे
सोशल मीडिया पर कोरोना के नाम से कई मीम्स और वीडियो की बाढ़ सी आ गई है
'कोरोना बीयर वायरस' और 'बीयर कोरोना वायरस' नाम से ऑनलाइन सर्च बढ़ना
कोरोना बीयर बनाने वाली कंपनी शेयर में गिरावट होना
अमेरीका में ज्यादा डिमांड
सूरज के आभा मंडल के चारों ओर दिखने वाला चमकीला रंग कोरोना कहलाता है। इसी के आधार पर बीयर का नाम कंपनी ने कोरोना बीयर रखा था। उसका कोरोना वॉयरस से कोई लेना-देना नहीं है। एक रैंकिंग के मुताबिक कोरोना बीयर अमेरिका में तीसरा सर्वाधिक लोकप्रिय बीयर ब्रांड है। अमेरिका में बिकने वाले बीयर ब्रांड में गिनीज पहले और हेनेकेन दूसरे नंबर पर है। इसके बाद कोरोना की सबसे ज्यादा मांग रहती है।
2 लाख से ज्यादा की मौत
कोरोना वॉयरस के चपेट में आने से पूरी दुनिया में 2 लाख 24 हजार 172 लोगों की मौत हो चुकी है। और 31 लाख 75 हजार 207 लोग इस वॉयरस से संक्रमित हैं। उनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है। भारत में वर्तमान में कोरोना वॉयरस के संक्रमण से 32 राज्य प्रभावित हैं। भारत में 2 मई की स्थिति में कुल 37 हजार 776 लोग वॉयरस की चपेट में आकर संक्रमित हो चुके हैं। और 1223 लोगों की मौत हो चुकी है। https://chhattisgarhsatyakatha.blogspot.com/2020/05/blog-post.html
सोशल मीडिया में हो रहा वायरल
कोरोना संक्रमण से बचने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अनेक उपाय आजकल मीडिया, सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहे हैं। सोशल मीडिया में इम्यून सिस्टम बढ़ाने के तरह-तरह के उपाय सुझाए जा रहे हैं। ऐसे फल खाने की सलाह दी जा रही है जिनमें विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में हो। बहुत से लोग तो प्रो-बायोटिक्स लेने की सलाह भी दे रहे हैं। कोई कह रहा है कि ग्रीन-टी और लाल मिर्च से कोविड-19 को कमज़ोर किया जा सकता है। ऐसी तरह-तरह के सलाह और उपाय वॉयरल हो रहे हैं। https://raipurkegothbaat.blogspot.com/2020/04/corona-covid-19.html
सामान्य बीमारियों से अलग है कोरोना
कोरोना संक्रमण और सामान्य खांसी-बुखार में अंतर होता है। हल्की खांसी, नज़ला, बुख़ार, सिरदर्द के लक्षण किसी वायरस की वजह से नहीं होते हैं, बल्कि ये हमारे शरीर की उस प्रतिरोधक क्षमता का हिस्सा होते हैं जो हमें जन्म से मिलती है। बलग़म के ज़रिए बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है। बुखार, शरीर में वायरस के पनपने से रोकने का माहौल बनाता है। ऐसे में अगर किसी के कहने पर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीज़ों का सेवन कर भी लिया जाए, तो उसका असल में कोई फ़ायदा होने वाला नहीं है। प्राकृतिक रूप से मौजूद रोग प्रतिरोधकता क्षमता से लाभ मिल सकता है।https://raipurkegothbaat.blogspot.com/2020/04/6.html

Wednesday 29 April 2020

कोरोना का रायता और दर्द अपना-अपना-6

हाथों की खुजली हो गई लॉक

रायपुर.  सरकारी बाबू और थाने का हवलदार दो ऐसे असरदार किरदार हैं, जिनका हर मौसम में जलवा रहता है। साहब कोई भी हो, लेकिन सिक्का इनका ही चलता है। इनके आगे बड़े-बड़े तुर्रम खां भी दंडवत हो जाते हैं। और ये दोनों केवल लक्ष्मीजी के आगे दंडवत होते हैं। साहब या थानेदार के कमरे में आने वाले हर शख्स को इनकी पैनी नजर पहचान लेती है कि कौन लक्ष्मीजी का वाहक है और कौन नहीं? उन्हें देखते ही इनकी हाथों में खुजली होने लगती है। दरअसल हमारी संस्कृति में कई लोग हाथों में खुजली होने को पैसा आने का संकेत मानते हैं। बाबू और हवलदार भी उन्हीं बिरादरी से हैं। सीट में आते ही उनके हाथों में खुजली शुरू हो जाती है। मजाल है कि इनकी खुजली मिटाए बिना अपना कोई काम करवा ले। छत्तीसगढ़ क्या पूरे भारत में संभव नहीं। लेकिन कोरोना संक्रमण रोकने लगे लॉकडाउन से इनकी हाथों की खुजली भी बंद हो गई है। खुजली बंद होते ही इनका दर्द बढ़ गया है। आखिर दर्द अपना-अपना है, लेकिन समझेगा कौन?
घर का हजम नहीं हो रहा
एक सरकारी बाबू काफी परेशान हैं। लॉकडाउन के बाद से उन्हें बदहजमी की समस्या शुरू हो गई। घर का जो भी खाते-पीते हैं, उन्हें हजम नहीं होता। सुबह का चाय-नाश्ता किसी तरह हजम कर लेते हैं, लेकिन दोपहर से रात तक का कुछ भी हजम नहीं हो रहा है। घरवाले उनकी परेशानी समझ नहीं रहे हैं, लेकिन बाबू अच्छी तरह जानता है कि ऐसा क्यों हो रहा है। दरअसल बाबू का डाइजेशन सिस्टम विभाग में काम के सिलसिले में आने वाले लोगों के हिसाब से ढल गया है। जिस स्तर के काम होते हैं, उसी स्तर का चाय-काफी, नाश्ता और खर्चापानी का इंतजाम हो जाता था। कभी-कभी तो दोपहर का भोजन और शाम के दो पैग का इंतजाम भी हो जाता था। इससे डाइजेशन सिस्टम काफी स्ट्रांग हो गया था। अब घर में केवल हल्की चीजें खाने-पीने को मिल रही है। सबकुछ घरेलू है, जिसे उनका डाइजेशन सिस्टम झेल नहीं पा रहा है।
आंखों से चमक गायब
थाने में जब भी कोई फरियादी आता है, तो उसे देखते ही कुछ हवलदारों की आंखों में खुशी की चमक आ जाता है। आरोपी और फरियादी कोई भी रहे हवलदार को उनकी लेखनशैली का असर एफआईआर से लेकर चालान बनाने तक रहता है। इसका इनाम भी उन तक चलकर आता है। पिछले कई दिनों से ऐसे हवलदारों के आंखों में खुशी वाली चमक नहीं दिखी। ऐसे हवलदार भी हैं, जिनकी नजर फरियादियों की तलाश में हमेशा थाने के मुख्यद्वार पर लगी रहती थी, लेकिन अब वही नजरें वाट्सएप और यूट्यूब से चिपकी रहती है।
साहब से ज्यादा फूर्ति
सरकारी विभाग में साहब से ज्यादा बाबू असरदार और फुर्तिला होता है। खुजली मिटा दो तो अपने साहब से भी ज्यादा फूर्ति से काम निपटा देता है। कई बार तो बाबू ही साहब का पूरा काम कर देते हैं। केवल चिडिय़ा साहब बैठाते हैं। हाथों में खुजली बंद है, तो फूर्ति भी नहीं रही। ऑफिस खुलेगी, तो हाथों की खुजली लौटेगी। और खुजली मिटेगी, तो फूर्ति लौटेगी। 

Thursday 23 April 2020

कोरोना का रायता और दर्द अपना-अपना-5


बस्तर की असल तस्वीर जमलो

जमलो मड़कम 
रायपुर   भारत अब डिजीटल इंडिया बन गया है। इस डिजीटल इंडिया में भूख-प्यास, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में 12 साल की बालिका की मौत होना 21वीं सदी की बड़ी त्रासदी है। यह घटना विकास के नाम पर लोगों से छलावा का बड़ा उदाहरण है। यह घटना भारत माता के उन कथित देशभक्तों की आंखें खोलने के लिए भी काफी है, जो बात-बात पर अपनी राष्ट्रभक्ति का ढिंढोरा पीटते रहते हैं। बस्तर की बेटी जमलो मड़काम ने भूख-प्यास और गरीबी के चलते दम तोड़ दिया। यह  बताता है कि  पिछले दो दशक में बस्तर की तस्वीर केवल सरकारी आंकड़ों में बदली है। असलियत कुछ और ही है। जमलो की मौत ने वह असलियत उजागर कर दी है। जिन परिस्थितियों ने जमलो को मौत दी है, वैसी परिस्थितियां बस्तर के अधिकांश हिस्सों में है। लेकिन इसमें बदलाव नहीं हो रहा है। इसके चलते नई पीढ़ी के जमलो को भी असमय मौत देखना पड़ा है।   इसका मतलब  साफ  है  कि बस्तर की दशा  आज भी  नहीं बदली है।  वहां जीना कठिन और मौत आसान है।  चाहे मौत माओवादियों  से  मिले   या  मौसमी  बीमारी  से   या  फिर गरीबी, भूखमरी  और बेरोजगारी   के  चलते  हो। 
बस्तर की असल तस्वीर जमलो
जमलो के पिता 
जमलो मड़काम की मौत ने बस्तर की असल तस्वीर पेश की है, जो पिछले कई सदियों से वैसी की वैसी है। उसमें कोई बदलाव नहीं आया है। वही भूख-प्यास और गरीबी, अशिक्षा व बुनियादी सुविधाओं का अभाव। 21वीं सदी में भूख-प्यास, बेरोजगारी, गरीबी और सुविधाओं की भारी कमी से किसी की मौत हो जाना, नेताओं के विकास के   दावों की पोल खोलता है। बस्तर के ग्रामीण इलाकों में आज भी बेरोजगारी, शिक्षा की कमी और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। बच्चे, बूढ़े और महिलाएं इसकी भेंट चढ़ रहे हैं। सरकारों का  अंधापन इसे क्यों देख नहीं  पा रहा है या जानबूझकर  अनदेखा किया जा रहा है।    इन इलाकों  के  लिए  अलग अलग  प्राधिकरण बना कर  हर साल करोड़ों रूपए का बजट जारी  किया  जाता   है।   इस  राशि का शतप्रतिशत   उपयोग  अगर बस्तरवासियो  के  लिए होता   ,  तो  जमलो जैसीं   नई  पीढ़ी  को अपनी जान नहीं गवानी  पड़ती  । 
कौन है जमलो
बीजापुर के ग्राम आदेड़ निवासी 12 साल की जमलो मड़कम। गरीबी के चलते कच्ची उम्र में ही जमलो को काम करना पड़ता था। फरवरी में जमलो अपने रिश्तेदारों के साथ तेलांगना के पेरूर गांव में मिर्ची तोडऩे चली गई। उसे करीब 100 रुपए रोजी दिया जाता था। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की घोषणा हो गई। पेरूर में काम बंद हो गया। सभी मजदूरों के साथ जमलो भी वहीं रह गई। कुछ दिन तक तो खाने-पीने के लिए मिलता रहा। इसके बाद भूखों मरने की नौबत आ गई। सभी मजदूरों ने बीजापुर लौटने का निर्णय लिया। लेकिन लॉकडाउन के चलते ठेकेदार ने मजदूरों को गांव तक पहुंचाने से इनकार कर दिया। सभी पैदल ही गांव लौटने लगे। पेरूर से बीजापुर 200 किमी से अधिक दूर है। इतने दूर पैदल जाना बालिका जमलो के लिए संभव नहीं था, लेकिन मजबूरी में उसे भी आना पड़ा। सभी जंगल के रास्ते लौट रहे थे। लगातार तीन दिन तक पैदल चलने के बाद 20 अप्रैल को जमलो की तबीयत खराब हो गई। उसके शरीर में पानी की भारी कमी हो गई। खाना भी ढंग से नहीं मिला। इसके चलते अपने घर से महज 14 किमी की दूरी पर जमलो ने दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि बच्ची की मौत पानी और भोजन की कमी के चलते हो गई। https://raipurkegothbaat.blogspot.com/2020/04/corona-covid-19.html
गरीबी की भेंट चढ़ा बचपन
जमलो के आने का इंतजार कर रहे पिता आंदोराम मड़कम और मां सुकमति को जैसे ही यह खबर मिली, उनका रो-रोकर बुराहाल था। उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। गरीबी के चलते ही जमलो को तेलांगना जाना पड़ा। जमलो का बचपन गरीबी की भेंट चढ़ चुका था। जमलो की तरह कई बच्चे कामधंधों में लगे हैं। दरअसल बीजापुर सहित आसपास के इलाकों में ठेकेदार सक्रिय रहते हैं। मजदूरों को अपने साथ तेलांगाना, आंध्रप्रदेश आदि स्थानों में काम कराने ले जाते हैं। और उन्हें वापस भी छोडऩे का इंतजाम करते हैं।
मनरेगा का लाभ नहीं
ग्रामीणों के मुताबिक बीजापुर सहित बस्तर के अधिकांश स्थानों पर मनरेगा के काम ठप पड़े हैं। कुछ स्थानों पर काम चलता भी है, तो मजदूरी समय पर नहीं मिलती। खेती-किसानी बहुत सीमित है। लिहाजा ग्रामीणों को तेलांगना, आंध्रप्रदेश जैसे दूसरे राज्यों में काम करने जाना पड़ता है। जिला प्रशासन भी मनरेगा के काम को लेकर गंभीर नहीं है। खेती-किसानी को प्रोत्साहन देने वाली योजनाएं भी दम तोड़ रही है। गरीबी और बेरोजगारी के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। यही वजह है कि जमलो जैसे कई बच्चों को रोजीरोटी के लिए कोसों दूर पैदल चलना पड़ रहा है। आखिर रोजीरोटी के लिए इतना लंबा सफर कब खत्म होगा? जंगल के कई हिस्सों में माओवादी सक्रिय हैं, जिससे वनोपज संग्रहण करना मुश्किल होता है। उन्नत खेती-किसानी केवल एक सपना है। जमलो जैसे कई बच्चों और उनके परिजनों का असली दर्द बेरोजगारी,  गरीबी  और   आभवग्रस्त  जिंदगी है। 

Monday 20 April 2020

कोरोना कोविड 19 का असर पम्पों में अब बिना मास्क के नहीं मिलेगा पेट्रोल

कोरोना कोविद 19 पेट्रोल पम्पो में अब बिना मास्क के नहीं मिलेगा पेट्रोल 
कोविड
रायपुर. देश में कोरोना वॉयरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पेट्रोल-डीजल से जुड़े कारोबारियों ने भी सख्ती शुरू कर दी है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए मास्क लगाना आवश्यक है। इसके बावजूद कई लोग लापरवाही कर रहे हैं। अब ऐसे लोगों को पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। चेहरे पर मास्क लगाकर आने पर ही पेट्रोल दिया जाएगा। यह नियम पूरे देश भर में लागू किया गया है। इसका निर्णय पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने लिया है। देशभर के सभी पेट्रोल पंपों में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। उल्लेखनीय है कि  20 अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान कई क्षेत्रों में सरकार ने थोड़ी ढील दी है। इससे सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ गई है। और पेट्रोल पंपों में आमदिनों की अपेक्षा ग्राहकों की भीड़ भी बढ़ रही है। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाओं में पेट्रोल पंप को भी शामिल किया गया है। इस कारण इसे बंद नहीं किया जा सकता। लिहाजा लोगों की भीड़ पेट्रोल पंपों में और बढ़ेगी।https://raipurkegothbaat.blogspot.com/2020/04/corona-covid-19.html
Corona covid 19: यह रहता है खतरा
पेट्रोल पंपों में वाहनों में पेट्रोल डलवाने आने वाले अधिकांश लोग मास्क नहीं लगाते हैं, जिससे कोराना संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। साथ ही भीड़ अधिक होने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करते हैं। इससे भी खतरा रहता है। इस कारण देश में कोविड-19 के लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने पेट्रोल पंपों में मास्क अनिवार्य कर दिया है।
देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते केस को देखते हुए पेट्रोल पंप पर काम करने वाले स्टाफ और आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए नो मास्क, नो फ्यूल की स्ट्रैटेजी अपनाई जा रही है। ऐसे में अब अगर कोई व्यक्ति पेट्रोल या डीजल भरवाने जा रहा है तो उनके लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। अगर कोई मास्क नहीं पहनता है तो उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा। https://raipurkegothbaat.blogspot.com/2020/04/3.htmll
Corona covid 19: पेट्रोल पंप को भी लॉकडाउन से राहत
पेट्रोल पंप का खुला रहना भी इस लिस्ट में शामिल है। पेट्रोल पंप अभी भी खुले हुए हैं। आज लॉकडाउन के 26वें दिन भी पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर हैं। उम्मीद की जा रही है कि 20 अप्रैल के बाद आंशिक राहत से मांग में सुधार होगा। जानकारी के लिए बता दें कि पेट्रोल-डीजल का भाव रोजाना बदलता है और सुबह 6 बजे से नई कीमत लागू होती है।
Corona covid 19: नगद भुगतान से बचे
पेट्रोल-डीजल लेने वाले वाहन चालकों को नकद भुगतान न करने की भी अपील की गई है। लोगों से कहा जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल लेने के बाद डिजिटल भुगतान करें। पंप कर्मचारियों को भी डिजिटल भुगतान करने के बाद हाथों को सैनिटाइज करने को कहा गया है।

Friday 17 April 2020

CORONA COVID-19 क्या है और कैसे फैलता है



कोरोना वायरस साँस सम्बंधित बीमारी फैलाने वाला एक बड़ा वायरस परिवार है जो साधारण सर्दी-जुकाम से लेकर मर्स और सार्स जैसे कई गंभीर रोगों की वजह है। इस वायरस के परिवार में चार वायरस हैं. वर्तमान वायरस CORONA COVID-19 है, जिसने दुनिया भर में महामारी का रूप ले लिया है. और हजारो लोगों की मौत हो गई. और लाखो संक्रमित हो गए है. चीन से शुरू हुआ संक्रमण पूरी दुनिया में फैल गया है. 

CORONA COVID-19 क्या है 
कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आर होते हैं। इनके कारण मानवों में स्वांसतंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है। गाय और सूअर में इनके कारण अतिसार हो सकता है जबकि इनके कारण मुर्गियों के ऊपरी श्वास तंत्र के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टिका या विषाणुरोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा सिस्टम पर निर्भर करता है। अभी तक रोगलक्षणों  जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, बुखार, आदि का उपचार किया जाता है, ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे। चीन के वुहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोना वाइरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण दिसंबर 2019-20 से शुरू हुआ और पुरे विश्व में फैल गया.  WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा है.

CORONA COVID-19 संक्रमण के चरण 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के अलग-अलग चरण बताए हैं और समझाया है कि किस तरह चरण दर चरण इस बीमारी का फैलना दुनिया के लिए घातक हो सकता है। जानिए इन्हीं चार चरणों के बारे में -
चरण 1 : विदेशों से आए मामले
इस चरण में मरीज किसी और देश में संक्रमित होता है। भारत में भी इस बीमारी की शुरुआत ऐसे ही हुई। कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव केस केरल का वो छात्र था, जो चीन की वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। अब भी जो केस सामने आ रहे हैं, वो इटली, चीन या ईरान से लौटे हैं और इन्हीं के कारण बाकी लोगों में संक्रमण फैल रहा है।
चरण 2 : स्थानीय लोगों में संक्रमण फैलना
भारत अभी कोरोना वायरस के चरण 2 पर है। यहां बाहर से आए मरीज संक्रमण फैला रहे हैं। इसी स्थिति को रोकने की कवायद केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कर रही हैं। जो लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, उनकी ट्रेवल हिस्ट्री यानी उन्होंने कहा-कहां यात्रा की और किन-किन लोगों के सम्पर्क में आए, यह पता लगाया जा रहा है।
चरण 3 : कम्युनिटी के बीच संक्रमण फैलना
यह चरण इसलिए घातक होता है, क्योंकि इसमें भीड़ के बीच बीमारी फैल जाती है। चीन और इटली में यही हुआ और अब इन देशों में यह बीमारी काबू से बाहर है। भारत सरकार भी जानती है कि यदि हम चरण 3 में प्रवेश कर गए तो हालात बहुत बिगड़ जाएंगे। इस चरण में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि भीड़ में मौजूद किस शख्स में संक्रमण हुआ है।
चरण 4 - महामारी
इस चरण में संक्रमण महामारी का रूप ले लेता है। चीन में ऐसा हो चुका है। इटली, ईरान, अमेरिकी इस स्तर पर पहुंच चुके हैं। यही कारण है कि इमरजेंसी घोषित कर हालात काबू में करने की कोशिश की जा रही है।

CORONA COVID-19 जैसी अन्य महामारियाँ 

सिवियर एक्यूट रेस्परेटरी सिंड्रोम (सार्स-सीओवी)
इसकी पहचान साल 2003 में हुई। साल 2002 में चीन में पहला इंसान संक्रमित हुआ। 2002-2003 में चीन/हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हुई। माना जाता है यह बिल्लियों जैसे बिलाव के जरिए इंसानों में आया था।
मिडिल ईस्ट रिस्परेटरी सिंड्रोम (मर्स-सीओवी)
इस संक्रमण का पहला मामला साल 2012 में सऊदी अरब में देखा गया। मिडिल ईस्ट में इस वायरस के संक्रमण से 800 से अधिक लोगों की जान गई। यह संक्रमण ऊंट के जरिए इंसानों में फैला।
नया कोरोना स्ट्रेन (चीन में सार्स जैसा वायरस)
पहला मामला चीन के वुहान में दिसंबर 2019 के अंत में दिखा। अगले कुछ महीनों में इटली, अमेरिका, स्पेन, इंग्लैंड, भारत जैसे कई अन्य देशों में भी संक्रमण की खबरें मिलीं। अब तक एक लाख से अधिक लोगों की इससे मौत हो चुकी है। वुहान का सी-फूड बाजार इस महामारी की शुरुआत का केंद्र था। वायरस मानव से मानव में संक्रमित होता  है. इसकी पुस्टि होने तक पूरी दुनिया में फैल गया.
CORONA COVID-19 को लेकर  WHO के दिशा निर्देश
मास्क का इस्तेमाल कब करें
-एक स्वस्थ व्यक्ति तभी मास्क पहने जब वह किसी संदिग्ध 2019-नोवल कोरोना वायरस वाले व्यक्ति की देखरेख कर रहा हो
खांसी और छींक आने की स्थिति में आपको मास्क लगाना चाहिए
-मास्क लगाना तभी कारगर साबित होगा जब आप उसके साथ एल्कोहल युक्त हैंड सेनिटाइजर या साबुन से अच्छी तरह अपने हाथों को साफ कर रहे हों
-अगर आप मास्क पहन रहे हों तो आपको उसके इस्तेमाल और उसका सही तरीके से निपटान करने की पूरी जानकारी होना जरूरी है
CORONA COVID-19 में खानपान में सावधानी
कच्चे मीट और पकाए जाने वाले भोजन के लिए अलग-अलग चाकू और चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें
खाना बनाने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए
CORONA COVID-19 दूसरों को बीमार होने से बचाएं
खांसने और छींकने की स्थिति में अपने मुंह को टिशू पेपर या अपनी मुड़ी हुई कोहनी से ढकें।
टिश्यू इस्तेमाल करने के तुरंत बाद उसे डस्टबिन में डालें
बीमार होने से बचने के लिए खांसने और छींकने के तुरंत बाद और किसी व्यक्ति की बीमार व्यक्ति की देखभाल करते समय अपने हाथों को एल्कोहल युक्त हैंड सेनिटाइजर या साबुन और पानी से अच्छी साफ करें।
CORONA COVID-19 में आइसोलेशन कैसे करें
दोस्तों से बात करे - संकट के दौरान आप सामान्य तौर पर दुखी, चिंतित, भ्रमित, डरे हुए या क्रोधित हो सकते हैं
भरोसेमंद और मदद करने योग्य व्यक्तियों से बात करें। अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से संपर्क करें।
जीवन शैली बदलें - अगर आपका घर पर रहना जरूरी है तो स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। अच्छा खानपान, नींद और व्यायाम करने पर जोर देना चाहिए। जान पहचान वालों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ई-मेल या फोन के माध्यम से संपर्क बनाए रखें। मानसिक रूप से भावुक होने की स्थिति में किसी भी प्रकार के ड्रग्स, एल्कोहल या धूम्रपान का इस्तेमाल करने से बचें।
काउंसलर की मदद लें -अगर आप ज्यादा चिंतित महसूस कर रहे हैं तो आप किसी स्वास्थ्यकर्मी या काउंसलर से परामर्श ले सकते हैं। इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए मदद कहां से लेनी है, या उस दौरान क्या करना है आदि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। खतरे को कम करने के लिए इससे संबंधित सभी प्रकार की सही और सटीक जानकारी हासिल करें। आप चाहें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट, जिला या राज्य स्वास्थ्य एजेंसी से इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कोरोना पर मीडिया टीवी चैनल पर दिखाए जा रहे कार्यक्रम जिनको देखने या सुनने पर चिंता और बैचेनी होने लगे उन्हें देखने से बचें। अपने पिछले अनुभव जिसमें आपने विपरीत परिस्थितियों का सामाना किया था उसी धैर्य से इस महामारी का सामना करें।
CORONA COVID-19 और भारत 
कोरोना वायरस लगातार फैल रहा है। भारत में इसे काबू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। लोगों को जागरुक बनाया जा रहा है और संक्रमण को फैलने से रोकने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। यह ऐसी संक्रामक बीमारी है जो छींकने, खांसने या बोलने के दौरान फैलती है। कोरोना वायरस के संक्रमण का अभी कोई इलाज नहीं है। यही कारण है कि बीमारी को फैलने से रोकने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। भारत  के 32 राज्य संक्रमण से प्रभवित है और 1३ हजार से अधिक CORONA COVID-19 से संक्रमित है और 400 से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी है। 
CORONA COVID-19 की जाँच 
भारत सरकार की ओर से विदेशों से आने वाले लोगों को एयरपोर्ट पर ही स्क्रीनिंग यानी जांच की जा रही है। जिन लोगों में भी संक्रमण के संकेत नजर आ रहे हैं, उन्हें 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा जा रहा है। सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार, जो लोग कोरोना वायरस प्रभावित देशों जैसे चीन, इटली, अमेरिका, ईरान, रूस व अन्य यूरोपीय देशों से भारत लौट रहे हैं, वे अपनी जांच जरूर करवाएं। साथ ही यदि कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाते हैं तो जिन-जिन के सम्पर्क में आए हैं, उनकी भी जांच करवाई जानी चाहिए।
CORONA COVID-19 में 20 के बाद मिलेगी छूट    
गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए लॉकडाउन निर्देशों के एक नए सेट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले सभी उद्योगों को शहर की सीमा के बाहर, 20 अप्रैल से फिर से खोलने की अनुमति दी जाएगी, क्योंकि वे CORONA COVID-19 संक्रमण के खिलाफ सामाजिक सुरक्षा मानदंडों और अन्य सुरक्षा उपायों का पालन करते हैं। इसके अलावा, "सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थानों पर फेस कवर और मास्क पहनना अनिवार्य है।" थूकना एक दंडनीय अपराध है और शराब, गुटखा और तंबाकू की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध होना चाहिए। संशोधित दिशानिर्देश कई क्षेत्रों में छूट प्रदान करते हैं, जिन्हें राज्य और जिला अधिकारियों के विवेक पर लागू किया जाना है, उन क्षेत्रों में जिन्हें संक्रमण हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना नहीं गया है। ग्रामीण उद्योगों के अलावा, दिशानिर्देश ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, सिंचाई परियोजनाओं, भवनों और औद्योगिक परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति देते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण की भी अनुमति होगी। शहरी क्षेत्रों में, केवल सीटू निर्माण परियोजनाओं की अनुमति होगी, यदि श्रमिक साइट पर उपलब्ध हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ईंट भट्टे भी काम फिर से शुरू कर सकते हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) कार्य को सामाजिक भेद और चेहरे के मुखौटे के सख्त कार्यान्वयन के साथ सिंचाई और जल संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, आईटी मरम्मत, मोटर यांत्रिकी और बढ़ई द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को भी अनुमति दी जाएगी।
विशेष आर्थिक क्षेत्रों में निर्यात और अन्य औद्योगिक गतिविधियां, निर्यात उन्मुख इकाइयां और अन्य औद्योगिक संपदाएं और टाउनशिप फिर से खुल सकती हैं, जब तक कि श्रमिकों को परिसर के भीतर या आस-पास के भवनों में रहने की व्यवस्था की जाती है। आईटी हार्डवेयर विनिर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण और जूट उद्योगों को लॉकडाउन के लिए अन्य नई छूटों में से एक हैं। आईटी और आईटी-सक्षम सेवाओं को भी 50% शक्ति के साथ कार्य करने की अनुमति होगी। दिशानिर्देशों का कहना है कि तालाबंदी अवधि के दौरान संचालित करने वाले कारखानों और कार्यालय प्रतिष्ठानों को अनिवार्य रूप से श्रमिकों के लिए चिकित्सा बीमा प्रदान करना चाहिए। एमएचए द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि हवाई, रेल, मेट्रो, सार्वजनिक बसों, टैक्सियों, कैब एग्रीगेटरों द्वारा यात्रा निलंबित रहेगी। सिनेमा हॉल और मॉल बंद रहें। सभी सामाजिक / धार्मिक समारोहों को 3 मई तक प्रतिबंधित कर दिया गया है और सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयों को, जब तक कि छूट नहीं दी जाती, बंद रहेगी।
राज्य 20 अप्रैल से अनुमति दी जाने वाली अतिरिक्त सार्वजनिक गतिविधियों का फैसला करेंगे। अतिरिक्त सुविधाओं को लॉकडाउन के उपायों पर मौजूदा दिशानिर्देशों के सख्त अनुपालन पर आधारित होना होगा। CORONA COVID-19 महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया था, और विस्तारित लॉकडाउन के दौरान लोगों द्वारा सामना की जाने वाली "मुश्किलों को कम करने" के लिए, 20 अप्रैल से कुछ अतिरिक्त गतिविधियों की अनुमति दी जानी है। देश में "CORONA COVID-19 महामारी की रोकथाम" के लिए राज्यों द्वारा पीछा किए जाने वाले ऐसे दिशानिर्देशों का पहला सेट 24 मार्च को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत देश में पहली बार लागू किया गया था।

Wednesday 15 April 2020

रायपुर में 72 घन्टे का अघोषित कर्फ्यू

16 अप्रैल गुरुवार की शाम 5 बजे से 19 अप्रैल रविवार की शाम 5 बजे तक 

रायपुर जिले में अति आवश्यक प्रतिष्ठानों को छोड़ कर शेष गतिविधियों के संचालन पर रोक 

 कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रायपुर डॉ एस भारती दासन ने 16  अप्रैल 2020 गुरुवार की शाम 5 बजे से 19 अप्रैल 2020 रविवार की शाम 5 बजे तक के लिए रायपुर जिले में अति आवश्यक प्रतिष्ठानों को छोड़ कर शेष गतिविधियों के संचालन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। 

इस अवधि में मेडिकल दुकाने, मिल्क पार्लर,पेट्रोल पंप , एल पी जी गैस सिलिंडर की दुकाने  और आन लाइन होम डिलीवरी सेवाएं खुले रहेंगी। इस अवधि में अर्थात 72 घंटे अनावश्यक रूप से घूमने और आने -जाने पर भी प्रतिबन्ध रहेगा और सब्जी बाजार, अन्य मार्केट, दुकानें बंद रहेंगी । कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि  वे कोरोना की रोकथाम  एवं बचाव करने में  हर संभव सहयोग करे और इस अवधि में अपने घरों में रहे।

Tuesday 14 April 2020

देश में लॉक डाऊन का दूसरा चरण कल से 3 तक

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देश में लॉक डाऊन को बढ़ा दिया गया है। मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रास्ट्र को सम्बोधित करते हुये इसकी घोषणा की। लॉक डाऊन का दूसरा चरण कल से यानी 15 अप्रेल से 3 मई तक कर दिया गया है।
इस दौरान उन्होनें देशवासियो से अपील की है कि इसका पालन करे।
यह भी कहा पीएम मोदी ने-
हम धैर्य बनाकर रखेंगे,
नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे।
इसी विश्वास के साथ अंत में,
मैं आज 7 बातों में आपका साथ मांग रहा हूं।
पहली बात-
अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
- विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो,
उनकी हमें Extra Care करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है: 
दूसरी बात-
लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें,
घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें: 
तीसरी बात-
अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें,
गर्म पानी,
काढ़ा,
इनका निरंतर सेवन करें: 
चौथी बात-
कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें।
दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें: 
पांचवी बात-
जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें,
उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें: 
छठी बात-
आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें,
किसी को नौकरी से न निकालें: 
सातवीं बात-
देश के कोरोना योद्धाओं,
हमारे डॉक्टर- नर्सेस,
सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें:
पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें,
जहां हैं,
वहां रहें,
सुरक्षित रहें।
वयं राष्ट्रे जागृयाम”

Sunday 12 April 2020

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के 7 और मामले सामने आये

कोरबा के कटघोरा में 7 और कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं। इसे मिलाकर अब छत्तीसगढ़ में 25 मामले हो गये। इनमें से 10 लोग सही हो कर घर जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही कटघोरा में 8 लोग कोरोना से पीड़ित पाये गए थे।
छत्तीसगढ़ में तब्लिगी जामत के चलते बिगड़
प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर स्तिथि ठीक थी, लेकिन कटघोरा में तबलिगी जामत से जुड़े एक व्यक्ति में संक्रमण होने के बाद अन्य लोगों में भी संक्रमण फैल गया
छत्तीसगढ़ के सभी मरीज कोरबा के 
वर्तमान में प्रदेश के सभी मरीज कोरबा के कटघोरा के ही रहने वाले हैं। कुल मरीज 15 हो गए हैं। सभी को एम्स में भर्ती कराया गया है।
नये कोरोना अस्पताल का निरिक्षण करते स्वास्थ मन्त्री 

Saturday 11 April 2020

कोरोना संक्रमण रोकने छत्तीसगढ़ में बिना मास्क के बाहर निकलने वालों पर होगा अपराध दर्ज

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण रोकने प्रभावी कदम उठाया जा रहा है। अब बिना मास्क लगाये घर से बाहर निकलने पर पुलिस अपराध दर्ज करेगी, इस संबंध में स्वास्थ विभाग ने आदेश जारी कर दिया है
मास्क नही होने पर स्कार्फ, रुमाल या कपड़ा भी लगा सकते हैं, लेकिन मुंह और नाक ढंके होना चाहिए।

Friday 10 April 2020

छत्तीसगढ में कोरोना का एक और मरीज हुआ ठीक


छत्तीसगढ़  में एक और कोरोना पॉजिटिव मरीज हुआ स्वास्थ्य।
एम्स में भर्ती 16 वर्ष के नाबालिग की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर दी जानकारी। प्रदेश में अब तक कुल 18 में से 10  कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं, कटघोरा के कोरोना संक्रमित 8 मरीज़ो का इलाज जारी।

कोरोना से जंग में नन्हें हाथों से हो रही बड़ी मदद

लोगों की सहायता के लिए छोटे बच्चे अपने गुल्लक दान दे रहे
गरीबों की मदद करने आगे आ रहे  बच्चे

रायपुर.
कोरोना वॉयरस संक्रमण के चलते देश और प्रदेश की हालात बिगड़ती जा रही है। संक्रमण को बढऩे से रोकने केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन कर दिया है। इससे सभी काम धंधे बंद हो गए हैं। लोगों का रोजगार छिन गया है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को खाने-पीने की चीजों से लेकर रोजमर्रा की जरूरतों की पूर्ति की समस्या होने लगी है। कोरोना से पूरी आबादी जंग लड़ रही है। इस जंग में नन्हें हाथों से भी बड़ी मदद की जा रही है। यह मदद देखने में बहुत छोटी है, लेकिन मदद करने वालों की भावनाएं बहुत बड़ी है। रायपुर में कोरोना संक्रमण से लडऩे कोई आर्थिक मदद कर रहा है, तो कोई और कुछ मदद कर रहा है। इनमें बच्चे भी शामिल हैं, जो अपने अनमोल बचत को भी दान कर रहे हैं, ताकि कोई भूखा न सोए। मदद में नन्हें-मुन्ने बच्चे अपने गुल्लक दान में दे रहे हैं। और अपेक्षा कर रहे हैं कि उनकी यह छोटी सी मदद किसी न किसी रूप में जरूरतमंदों के काम आ जाए। बच्चों के मन में मदद की भावना को देखकर हर कोई उनकी प्रशंसा कर रहा है। और उनका उत्साहवर्धन कर रहा है।
खम्हारडीह टीआई ममता अली शर्मा को गुल्लक सौपती बालिका 
चॉकलेट के पैसे बचाकर किया था जमा, अब सही काम आएगा 
पुरानीबस्ती टीआई राजेश सिंह को अपना गुल्लक देते भाई बहन 
खम्हारडीह थाना प्रभारी ममता अली शर्मा रोज की तरह लॉकडाउन में बेवजह घूमने वालों की चेकिंग में लगी थी। बीटीआई ग्राउंड के पास चेकिंग पाइंट में वाहनों की जांच कर रही थी। इसी दौरान 11 साल की योगिता पाणिग्रही उनके पास पहुंची। और टीआई शर्मा को अपने नन्हें हाथों से एक गुल्लक सौंपा। और कहा कि मेम यह मेरी छोटी सी बचत जरूरतमंद लोगों के लिए है। इस राशि का उपयोग उन जरूरतमंदों और भूखों को खाना खिलाने या उन्हें अनाज देने में किया जाए। टीआई शर्मा ने योगिता से गुल्लक लिया और उनके इस कदम की सराहना किया।
भाई-बहन ने दिया सीएम रिलिफ फंड में गुल्लक
पुरानी बस्ती के कुशालपुर में रहने वाली वीरा यादव और उसका भाई ऐश्वर्य ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए अपना गुल्लक दान में दे दिया। दोनों करीब 8 और 10 साल के हैं। दोनों ने पुरानीबस्ती थाना के टीआई राजेश सिंह को अपना गुल्लक सौंपा। गुल्लक में करीब 1770 रुपए थे। इस रकम को दोनों बच्चों ने अपने-अपने पॉकेट मनी से बचाकर जमाा किया था। अब यह रकम जरूरतमंदों के काम आएगी। और उनकी थोड़ी मदद हो सकेगी।
लॉकडाउन से बिगड़े हालात
रायपुर में लॉकडाउन से हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। बेरोजगारी और आर्थिक तंगी बढ़ती जा रही है। शासन राहत अभियान भी चला रहा है। बीपीएल और एपीएल कार्ड वालों को रियायती दरों में अनाज दिया जा रहा है, लेकिन रोजमर्रा की दूसरी चीजों के लिए भारी मारामारी शुरू हो गई है। लोगों को दैनिक जरूरत की चीजें भी आसानी से नहीं मिल रही है। और जो मिल रही है, उसके रेट अधिक हैं। प्रशासन कालाबाजारी नहीं होने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यही है।
सब्जी-भाजी के रेट काफी अधिक बढ़ गए हैं। दूसरी ओर फलों के भाव में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा अन्य छोटी-बड़ी चीजों की किल्लत बनी हुई है। रोज कमाने-खाने वालों के लिए समस्या बढ़ गई है।
पीएम-सीएम राहत कोष
कोरोना संक्रमण से हुए लॉकडाउन के बाद भारी आर्थिक नुकसान देश और प्रदेश में हो रहा है। बेरोजगार और गरीबों को मदद पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष बनाया गया है। इसमें कोई भी अपनी जरूरत के हिसाब से दान कर सकता है। इस राशि का उपयोग लॉकडाउन से प्रभावितों के लिए किया जाएगा। आर्थिक सहायता के अलावा कई स्वयं सेवी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं और लोगों को खाना बनाकर खिला रहे हैं।

Wednesday 8 April 2020

देश में कोरोना से मरने वालो की संख्या 149 हुई, संक्रमण भी बढ़ा

 बुधवार को ही 35 लोगों की मौत 
रायपुर. देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। मृतकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। मंगलवार तक 114 लोगों की मौत हुई थी, जो बुधवार को बढ़कर 149 तक हो गई। एक ही दिन में 35 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हो गई। कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। संक्रमित लोगों की संख्या अब 5 हजार 194 हो गई है। दूसरी ओर बुधवार को भी छत्तीसगढ़ में कोई कोरोना संक्रमित कोई नया मरीज नहीं मिला है। रायपुर के एम्स में केवल एक मरीज भर्ती है। 

जीरो कट वाले बाल कटवाकर थानेदार दे रहे हैं कोरोना से बचने के संदेश



मोदहापारा टीआई यदुमणि सिदार 
टिकरापारा टीआई याकूब मेमन 
रायपुर. लॉकडाउन के बीच शहर में जमीनी स्तर पर काम करने वाले पुलिस वालों को दूसरे के साथ स्वयं को भी कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने की चिंता है। ड्यूटी के साथ लोगों को जागरूक करने भी पीछे नहीं हट रहे हैं। जागरूकता और स्वयं की सुरक्षा के लिए कुछ थानेदारों ने अपने सिर के बाल मुंडवा लिए हैं। जहां भी तैनात रहते हैं, लोगों को संदेश  देने से नहीं चूकते हैं कि दाढ़ी और बाल बड़े रखना भी कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देता है। राजधानी के मौदहापारा थाने के टीआई यदुमणि सिदार, टिकरापारा थाने के टीआई याकूब मेमन और गोलबाजार टीआई बेर्नाड कुजूर ने अपने-अपने सिर के बाल जीरो कट करवा लिए हैं। इसके अलावा अपने परिवार और घर में काफी बदलाव किए हैं।
गोलबाजार टीआई बेर्नाड कुजूर
बाल कटवाकर घूम रहे
मौदहापारा टीआई सिदार, टिकरापारा टीआई मेमन और गोलबाजार टीआई कुजूर करीब सप्ताह भर पहले अपने सिर के बाल सामान्य रखते थे। बाद में जीरो कट करवा लिए, ताकि बाल ज्यादा से ज्यादा छोटा रहे। इस संबंध में टीआई सिदार का कहना है कि बाल छोटे रखने से वॉयरस का बाल में रहने की गुंजाइश काफी कम हो जाती है। टीआई मेमन का कहना है कि कोरोना वॉयरस कपड़ों के अलावा शरीर के बालों में भी रह जाता है। बड़े बाल में कोरोना वॉयरस कई दिन तक जीवित रह सकता है। गोलबाजार टीआई कुजूर का कहना है कि बालों में अधिक समय तक वॉयरस पड़ा रहता है, जो बाद में दूसरी चीजों में भी आ जाता है।
बरामदे में ही टांग रहे हैं वर्दी
पुलिस वालों के लिए वर्दी उनका मान-सम्मान होती है, लेकिन कोरोना संक्रमण ने इससे भी दूरी बना दी है। मौदहापारा टीआई सिदार ड्यूटी से घर जाने पर अपनी वर्दी बरामदे में ही रखते हैं। भीतर नहीं ले जाते हैं। वर्दी बाहर ही धुलती है। इसके बाद भीतर ले जाते हैं। इसके अलावा जूते-मौजे भी बाहर ही रख रहे हैं। और नहाने के बाद ही घर में प्रवेश करते हैं। सेनीटाइज होने के बाद ही घर में प्रवेशटिकरापारा टीआई याकूब मेमन और गोलबाजार टीआई बेर्नाड कुजूर भी ड्यूटी खत्म होने के बाद घर जाते हैं, तो पहले खुद को सेनेटाइज करते हैं। वर्दी और अन्य चीजों को बाहर ही रखते हैं। नहाने के बाद ही घर में प्रवेश कर रहे हैं। साथ ही बार-बार घर जाना कम कर दिए हैं। अब एक ही समय घर जा रहे हैं। इसी तरह आमानाका टीआई भरत लाल बरेठ भी सप्ताह में एक बार अपने घर जाते हैं। थाने में ही रहते हैं। घर वालों की याद आने पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कर लेते हैं।
आरक्षक से लेकर अफसर तक को खतरा
अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर और नर्सों को वॉयरस से संक्रमित होने का जितना खतरा रहता है, उसी तरह का खतरा पुलिस वालों को भी रहता है। दिनभर कई स्थानों पर जाना, लोगों से बातचीत करना, भीड़भाड़ में जाना आदि काम के दौरान संक्रमण की चपेट में आने की आशंका पुलिस वालों को ज्यादा रहती है। इसलिए आरक्षक से लेकर पुलिस अफसरों को अलर्ट रहने कहा गया है।